बिम्ब-प्रतिबिम्ब
Monday, May 16, 2011
तेरे आँसुओं से मेरे सीने में यूँ उतरा दर्द
मानो
बादलों ने पत्थरों पर आग डाल दी हो।
....
जाने क्यों
इतना खानाबदोश है दर्द
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