बिम्ब-प्रतिबिम्ब
Thursday, July 14, 2011
मेरे दोस्त.....
चाँद कभी तुम सूरज जैसे,
पश्चिम कभी तो पूरब जैसे,
कभी खुश कभी खफा
सदा साथ चलते मौसम जैसे..
जिन पर तुम्हारी छाया है,
उन्होंने हर सुख पाया है।
मुझ पर हरदम रहता तुम्हारे प्यार का साया है
तभी तो मेरा चेहरा सदा मुस्कुराया है..
.
1 comment:
Anonymous
August 4, 2011 at 6:55 AM
I m lovin it........
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
I m lovin it........
ReplyDelete