Thursday, July 14, 2011

मेरे दोस्त.....

चाँद कभी तुम सूरज जैसे,
पश्चिम कभी तो पूरब जैसे,
कभी खुश कभी खफा 
सदा साथ चलते मौसम जैसे..
जिन पर तुम्हारी छाया है,
उन्होंने हर सुख पाया है।
मुझ पर हरदम रहता तुम्हारे प्यार का साया है 
तभी तो मेरा चेहरा सदा मुस्कुराया है..
.

1 comment: