अजनबी...
तुम एक बार बाहें फैलाओ तो सही..
मुझे मालूम है जब तुम ....
तब...
मेरे बंधे सपनों की सब गिरहें खुल जायेंगी
और मैं तुम्हारी कोशिशों में और भी मासूम हो जाऊँगी
उस दिन मैं सारी विष घुली यादें एक घूँट में पी जाऊंगी
सिर्फ एक तुम्हारे नशे में चूर ...
मेरे हौंसलों की नई पगडंडियों पर गिरती रात और बरसात का पानी...
इस बार का सावन नया नया...
मैं एक तितली की तरह.... तुम्हारे ख्वाबों के रंगों में सराबोर हो कर आकाश में उड़ जाऊँगी....
चाहे जब मुझे आकाश में उड़ाना, पर मुझे अपनी चाहत में बांधे रखना
ताकि इस बार तुम्हारे बंधनों में बंध कर जी सकूँ, उड़ने का सुख पहचान सकूँ
मुझे प्यासी ही रखना, ताकि हमेशां प्यासी रहूँ, तुम्हारी प्यास में....
अनंत तक इस प्यास को जी सकूँ,
और शून्य में इसी प्यास में मर सकूँ.....
तुम एक बार बाहें फैलाओ तो सही..
मुझे मालूम है जब तुम ....
तब...
मेरे बंधे सपनों की सब गिरहें खुल जायेंगी
और मैं तुम्हारी कोशिशों में और भी मासूम हो जाऊँगी
उस दिन मैं सारी विष घुली यादें एक घूँट में पी जाऊंगी
सिर्फ एक तुम्हारे नशे में चूर ...
मेरे हौंसलों की नई पगडंडियों पर गिरती रात और बरसात का पानी...
इस बार का सावन नया नया...
मैं एक तितली की तरह.... तुम्हारे ख्वाबों के रंगों में सराबोर हो कर आकाश में उड़ जाऊँगी....
चाहे जब मुझे आकाश में उड़ाना, पर मुझे अपनी चाहत में बांधे रखना
ताकि इस बार तुम्हारे बंधनों में बंध कर जी सकूँ, उड़ने का सुख पहचान सकूँ
मुझे प्यासी ही रखना, ताकि हमेशां प्यासी रहूँ, तुम्हारी प्यास में....
अनंत तक इस प्यास को जी सकूँ,
और शून्य में इसी प्यास में मर सकूँ.....
tu pyar ka sagar hai,
ReplyDeleteteri ek bund ke pyase hm
Hey Ajnabi !! Tum ek baar baanhein phalaao toh sahee....
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