Wednesday, December 14, 2011

उस शोख से छोटी सी एक भूल हुयी...


चलो एक बात बहुत अच्छी हुयी,
उस शोख से छोटी सी एक भूल हुयी,
वो अपनी घने बादल सी ज़ुल्फ़ बांधना भूल गयी,
तपती दोपहर में मेरे चेहरे पे छाँव हुयी...

Friday, December 2, 2011

प्यार में शर्त-ए-वफ़ा ......


प्यार में शर्त-ए-वफ़ा, कभी सही कभी गलत ना जाने क्यों !
ये रिश्ता बड़ा अजीब, कभी सही कभी गलत ना जाने क्यों !

हमने आवाज़ उठाई हक की, जब भी कभी
लोगों को लगा, कभी सही कभी गलत ना जाने क्यों !

लौट आने को कहा, जाने वालों को बार बार,  
उत्तर जो मिला, कभी सही कभी गलत ना जाने क्यों !

वक्त पड़े लोग बदल गए जो भी अपने दीखते थे,
विश्वास का नतीजा, कभी सही कभी गलत ना जाने क्यों !

माज़ी को अपने मुड़ कर देखा जो कभी
अपना ही निज़ाम लगा, कभी सही कभी गलत ना जाने क्यों !
© 2010 Capt. Semant