मौन वेदना .......
सोचो कि गर हम कभी मिले
तो अपनी नज़र में छुपी किताब के पन्ने कैसे पढेंगे
ह्रदय में खींचे इन्द्रधनुष कैसे रोकेंगे
यूं कैसे होगा कि आस्मां झुक कर फूल से पूछेगा
"आज तुम कैसे हो ..."
यूं कैसे होगा कि फूल आस्मां से अपनी कहानी कहेगा
फिर भी उस रात "ओस नहीं झरेगी..."
Awesome.....
ReplyDeleteBahut khoob....
ReplyDeleteHr kisi ko nzro ki kitab pdni nhi aati
ReplyDeleteकितना सुन्दर और कोमल .जैसे कोई इन्द्रधनुष सच में उतर आया हो आसमान और फूल के मध्य .
ReplyDeleteSundar...behad...Satrangi....
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